हिंदी प्रेरणादायक लेख

अक्सर कई बार जिन्दगी हमें छोटे-छोटे फायदे दिखाकर बड़े सपनों को हमारी दिल और दिमाग की डायरी से डिलीट कर देती है,या यूं कहें ये काम बदकिस्मती का होता है,एक कमाल का शब्द है इंगलिश भाषा में compromies(समझौता) इसका आकार ज्यादा बड़ा ही पर अर्थ बहुत बड़ा है,हमारी मजबूरी financial conditions और भी काफी चीजें हमारे और हमारे सपनों के बीच आ जाती हैं या यूँ कहें हमें ये डर लगा रहता है कि जो आज मिल रहा है कल को वो भी ना मिले।ये सोच उसी की होती है जिसका खुद पर,खुद की मेहनत पर उतना भरोसा नहीं रहता जितना की किस्मत पर।
अगर आपने लगन के साथ मेहनत की है पर परिणाम नकारात्मक रहा। आप क्या करेंगे? मेहनत करना छोड़ देंगे या अपना लक्ष्य बदल देंगे? यह स्थिति प्रत्येक युवा के सामने आती है।
पूरी मेहनत के बावजूद असफल होने पर क्या होता है?
सफलता प्राप्ति का दबाव एक असफलता के बाद जरा ज्यादा ही हो जाता है। व्यक्ति स्वयं से प्रश्न पूछने लगता है कि आखिर कहाँ गड़बड़ हो गई? उसके साथ जो हुआ है , वह उसे स्वीकार नही कर पाता है।
दरअसल व्यक्ति कई बार इस प्रकार की स्थिति होने पर पलायनवादी मानसिकता अपना लेता है। वह असफलता से इतना डर जाता है कि पुनः उस रास्ते पर जाने की वह हिम्मत नहीं जुटा पाता। वह अपने आप से समझौता करने लगता है कि शायद पेपर ही कठिन था या जॉब इंटरव्यू में उससे ज्यादा काबिल लोग आए थे,इतनी मेहनत करना मेरे बस की बात नहीं आदि।
वह अपने आप को ही तर्क देने लगता है और मेहनत से जी चुराने के लिए प्रेरित करने लगता है।
ऐसी स्थितियों में क्या करना चाहिए?
ऐसे में यह समय होता है आत्मविश्लेषण करने का, अपनी कमियों को स्वयं के सामने रखने का , हालतों को स्वीकार करने का और सफलता से पुनः प्रेम करने का।
एक बात हमे हमेशा याद रखनी चाहिए, कि असफ़लता अंत नही है। ये तो उस रास्ते के कंकड़- काटें है, होता हुआ रास्ता ही सफलता के नजदीक पहुँचाता है। असफलता आपको बताती है कि कहाँ गड़बड़ हो गई और अगले प्रयास में कहाँ ज्यादा मेहनत करना है। इससे आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति में काफी आसानी हो जाती है। क्योंकि लक्ष्य और भी सटीक और सामने नज़र आने लगता है ऐसा लक्ष्य जो पहले से ज्यादा नजदीक है। लक्ष्य की निकटता आपको और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है।
असफ़लता क्या है!
 
जैसा कि ऊपर भी मैने लिखा है कि परीक्षा हो या जॉब न पाने में असफलता  या फिर अन्य किसी भी काम में मिली असफलता का मतलब अंत नहीं है। असफलता का मतलब होता है कि बस अब आप सफलता के लिए तैयार हो रहे हैं।
  रोजाना की जिंदगी में हमें कई ऐसे लोग मिलते हैं जिन्होंने आरंभिक रूप से असफलता पाई परंतु समय के साथ उन्होंने तर्कों की कसौटी पर सफलता को ऊँचा ही रखा और पुनः अपने आप को प्रेरित कर मेहनत करने लगते हैं। वे असफलता को अपने आप पर हावी नहीं होने देते।
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अपनी असफ़लता दुनिया को साझा करें।
 
अक्सर हम असफलता को दुनिया से छिपाते हैं। इसके परिणाम काफी घातक सिद्ध होते हैं। जब सफलता को हम सभी को बताना चाहते हैं तब असफलता को छुपाने से हम स्वयं ही ऐसे विचारों के द्वंद्व में खो जाते हैं जहाँ से केवल असफलता ही नज़र आने लगती है। असफलता मिलने का मतलब है कि आपने प्रयास किया और क्या प्रयास करने को भी आप दुनिया के सामने नहीं लाना चाहेंगे।
असफलता को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ बाँटें, हो सकता है कि आपको वे ऐसी राय दें जिसके बारे में आपने कभी कल्पना ही न की हो। इससे मन भी नकारात्मक विचारों से हल्का हो जाता है  , जिससे ताजे और सकारात्मक विचारों के लिए आपके मन में जगह बन जाती है और आप पुनः सफलता के लिए अपने प्रयास तेज कर कर सकते हैं।
आपने दो मशहूर फिल्में सुपर-30 और एम.एस.धोनी द अन्टोल्ड स्टोरी देखी होंगी,अगर धोनी पिता जी की बात मानते कि “माताजी की कृपा से टी.सी. की नौकरी लग गयी इस से अच्छी बात और क्या है सकती है” अगर वो compromies कर लेते उस नौकरी में या आनंद कुमार जी compromies कर लेते कोचिंग सेंटर में पढ़ाने में तो न ही हम धोनी को जानते, न ही आनंद कुमार जी को।   और हम लोग न ही  हेलिकोप्टर शॉट से परिचित  हो  पाते, ना ही सुपर-30 से।
इसलिए दोस्तों  जीवन में हालतों के साथ समझौता करके अपने आप को Confort Zone में कैद नहीं करना चाहिए,  चुनौतियों का डट कर सामना करना चाहिए।
दोस्तों जीवन शिक्षा यही है  जो लोग  जीवन में समझौता करते हैं,वो जीवन को जीते नहीं सिर्फ काटते हैं।
 
लेखक -;
अमन जग्गी एक स्कूली  विद्यार्थी हैं, और लेखन में रुचि रखते है। इनका  पहला लेख जरूर पढ़ें  बचपन की यादें

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1 thought on “हिंदी प्रेरणादायक लेख”

  1. बहुत उत्तम सोच है । उम्र कम और विचार बहुत अचे ओर सचे हैं। भगवान प्रगति पथ प्रदर्शित करे।

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