सुमन का गुलाबी हेयरबैंड
वक्त! पूरे दिन भर कितना ही तेज क्यों न दौड़ ले , शाम होते –होते वह भी थकने लगता है और धीमा हो जाता है | दिनभर की थकावट चेहरे पर लिए राशि शाम को …
वक्त! पूरे दिन भर कितना ही तेज क्यों न दौड़ ले , शाम होते –होते वह भी थकने लगता है और धीमा हो जाता है | दिनभर की थकावट चेहरे पर लिए राशि शाम को …
धुमाली गाँव में कई सालों से लगातार बच्चे गायब हो रहे थे | कौन इन बच्चों को गायब कर रहा है , क्यों कर रहा है ? किसी को कुछ भी पता नहीं था | …
दिसम्बर-जनवरी की कंपा देनी वाली सर्दी फरवरी के आखिरी दिनों के आते-आते अब कम होने लगी| जो मार्च के आते-आते, गर्मी में बदलने लग गई | मौसम बदल रहा है ,इसलिए माहौल का बदलना भी …
दिनेश! हाँ शायद उसका नाम दिनेश ही था | वह पिछले दो महीने से इस कमरे में रह रहा था | उसे लगता था कि वह इस किराए के कमरे पर अकेले ही रहता है, …
पहाड़ का जीवन पहाड़ की ही तरह बड़ा कठिन होता है | जब भी कोई दिल्ली-मुंबई से पहाड़ घूमने आता है तो इस बात का अंदाजा उन्हें पहाड़ की सडको पर धक्के खाते हुए हो …
“पा…….पा! पा…पा !” जूली रोते-रोते चिल्लाई | पास में पापा फ़ोन पर बात कर रहे थे | संदीप की नजर जोर से रो रही अपनी बेटी पर पड़ी जिसने अपनी रोने की आवाज से पूरा …
अक्टूबर! खत्म होने वाला है | लेकिन जो ये अपने साथ लेकर आया है, वह नहीं | हर साल जब भी अक्टूबर आता है, अपने साथ दशहरा-दिवाली की छुट्टियाँ लेकर आता है | घर , …