बचपन की यादें

एक इंसान के जीवन का सबसे खूबसूरत समय होता है ,उसका बचपन। बचपन जीवन का वो स्वर्णिम समय है,जहां एक बच्चे को न किसी चीज़ की फ़िक्र होती है और ना परवाह।

अक्सर सोचता हूँ बचपन का वो खिलौना मैंने कहाँ गुम कर दिया जो मेरे  खुश रहने की वजह हुआ करता था।
वो खुशनुमा बचपन सचमुच में अच्छा होता है इस दर्दभरी जवानी से। हँसी भी और  खुशी भी दोंनो चेहरे की रौनक हुआ करती है।
पर क्या होता है ,जब एक बच्चे को उसका बचपन जीने नहीं दिया जाता है , उसकी मर्जी से।उसे पढ़ाई के नाम पर एक युद्ध के मैदान में भेज दिया जाता है जहाँ से हिलना-डुलना मना है। माना कि पढ़ाई जरूरी है पर इसका मतलब ये नहीं की बच्चा सिर्फ पढ़ाई पर सर खपाये उसे अन्य गतिविधियों जैसे-खेलकूद एवं कौशल विकास को भी करने का मौका दिया जाए जाना चाहिये। 
ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कभी-कभी स्कूल बंक करके दोस्तों के साथ घूमने जाना चाहिए क्यूँकि कुछ सालोंं बाद आप देखेंगे माक्स कोई एहेमियत नहीं रखते जिन्दगी में वो पल हमेशा याद रहते हैं।
अगर आज हम अपना बचपन याद करें तो केवल सुनहरी यादें ही याद आती है, ना किसी से बैर, न किसी से द्वेष, ना समय की फिक्र ना किसी चीज की चिंता, केवल हँसना, खेलना, खाना-पीना, स्कूल और कुछ गिने चुने दोस्तों में जिंदगी सिमटी हुई सी बेहद ही खूबसूरत सी थी.
जब हम छोटे थे अक्सर मन में ये खयाल आता था कि “हम बड़े कब होंगे?” पर आज पुनः उसी बचपन में लौट जाने का दिल करता है।
कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसे बचपन की यादें याद न आती हों।
वो दादी की लोरियां,नानी की कहानियाँ,बचपन के खेल,पापा की मार,माँ का प्यार सब याद आता है।
 बच्चन साहब बड़ा कमाल का कह के गये हैं-
“बचपन में सबसे ज्यादा बार पुछा जाने वाला सवाल कि बड़े  होकर क्या बनना है?
जवाब जवानी में पता चला कि फिर से बच्चा बनना है।”
मनुष्य जीवन का सबसे सुनहरा पल बचपन है, जिसे पुनः  जीने की लालसा हर किसी के मन में हमेशा बनी रहती है. परंतु जीवन का कोई बीता पहर लौटकर पुनः वापस कभी नहीं आता, रह जाती है तो बस यादें जिसे याद करके सुकून महसूस किया जा सकता है।
इसलिए अगर आप एक बच्चे हैं, तो अपने बचपन को खुल कर जिए और अगर आप माता-पिता और अभिभावक हैं किसी बच्चे के तो उसे अपना बचपन खुल के जीने दीजिये उसे जबरन पढ़ाई के दबाव मत दें 
उसकी जो इच्छा हो उसे वह भी करने दें,क्यूंकि ये वक़्त आता न दोबारा  ,ये वक्त आएगा न दोबारा…….
अमन जग्गी
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