The Power Of Self-Discipline: No Excuses Book Summary in Hindi

Self-Discipline की ताकत को जानने के लिए ब्रायन ट्रेसी की किताब No Excuses: The Power Of Self-Discipline एक बेहतरीन किताब है | No Excuses में लिखी गयी बातो का दैनिक जीवन में प्रयोग करने पर जीवन को एक नई दिशा मिलती है | (No Excuses hindi book Summary)

हम अकसर सोचते हैं कि कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक सफल क्यों होते हैं? क्यों कर
कुछ लोग अधिक पैसा कमाते हैं, खुशहाल जीवन जीते हैं, और औरों की तुलना में एक समय में ज्यादा सफलता पाते हैं ? आखिर इस “सफलता का रहस्य क्या है?” इसका जवाब है No Excuses मतलब कोई बहाना नहीं

दोस्तों सफल लोगो की तरह सफल और अमीर लोगों की तरह अमीर हर कोई बनना चाहता है | अपने जीवन में हम सभी की बहुत कुछ चाहते होती हैं | जिन्हें प्राय हम गोल भी कहा करते हैं | कोई किसी परीक्षा में अच्छे नम्बरों से पास होना चाहता है , कोई अपना वजन कम करना चाहता है , कोई अपनी सेल्स दुगनी करना चाहता है इसे अनेक छोटे और बड़े गोल सभी के पास होते हैं | और एक ख़ास बात यह है कि हम सभी जानते हैं कि अपने गोल को कैसे अचीव कर सकते हैं | लेकिन फिर भी हममें से कुछ ही लोग सफल पाते हैं |

दोस्तों ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि हममें से ज्यादातर लोगो के पास कुछ बहाने रहते हैं | जिसकी वजह से हम कहते हैं कि एक दिन मैंने वह पुस्तक पढूंगा । एक दिन मैं सुबह उठकर व्यायाम करना शुरु करूँगा । एक दिन मैं अपने कौशल को उन्नत करूंगा और अधिक पैसा कमाना शुरू करूँगा । किसी दिन मैं उन सभी चीजों को करूंगा | और एक दिन मैं जरुर सफल बनूँगा | और दोसतो होता कुछ नहीं , कई दिन गुजर जाते है लेकिन ये दिन कभी नहीं आता |

दोस्तों यह एक दिन जिसकी बात हम अक्सर करते रहते हैं , यह एक परिणाम है हमारे बनाये गए बहानों का | मार्क ट्वेन जी कहते हैं कि असफल होने के हमारे पास हजार बहाने होते हैं लेकिन कारण एक भी नहीं होता |

सफलता का कोई बड़ा रहस्य नहीं होता , सफलता हमें तब मिलती है जब हम अपने बहाने बनाने की आदत को छोड़ देंगे और इस एक दिन को एक निश्चित दिन में तब्दील कर देंगे |

Brian Tracy अपनी इस किताब No Excusses में कहते हैं, यदि आप कुछ काम करना चाहते हैं तो उसे या तो कीजिये या फिर नहीं | बहाने बिलकुल भी न बनाये| हम जब भी कोई काम करना चाहते हैं तो हमारा दिमाग उसे न करने के लिए हमें एक से प्रकार के बहाने देता हैं | जिससे काम कभी शुरू ही नही पाता तो उसमें सफलता क्या मिलेगी |

What is Self-Discipline? No excuses Book Summary:-

दोस्तों कुछ ऊपर एक सवाल दिया था कि अधिकतर लोग क्यों ओरों की तुलना में ज्यादा सफल होते हैं | इसका जवाब है उन लोगों के पास Self-Discipline होता है | हाँ दोस्तों Self-Discipline !! यह एक कौशल जिसकी मदद से सफल लोग बहाने बनाने की आदत को अपने से हमेशा दूर रख पाते हैं| Self-Discipline सफल जीवन की एक चाबी है, जिसके बिना आप कोई भी प्राप्त नहीं कर सकते | (No Excuses hindi book summary)

दोस्तों अपने अंदर Self-Discipline का विकास करना आपकी जिन्दगी को एक नया आयाम देता है |

‘Self-discipline एक योग्यता है जिससे आप वह कर पाते हो जब हमें वह करना चाहिये | चाहे वह करना हमें पसंद हो या न हो |

Quote from NO EXCUSES

दोस्तों अगर आत्म-अनुशासन व्यक्तिगत महानता की कुंजी है तो इसकी अनुशासन की कमी , असफलता , चिंता और जीवन में दुःख का सबसे बड़ा कारण है |

दोस्तों हर दिन, हर मिनट, हमारे अंदर एक लड़ाई चलती है कि क्या सही है और क्या गलत | एक तरफ
कठिन और आवश्यक चीजे होती हैं तो दूसरी ओंर क्या करना मजेदार है, आसान है, और बहुत कम या कोई मूल्य नहीं है | इस लड़ाई को जीतने में हमारी मदद करता है हमारा आत्म-अनुशासन |

चलिए , अब जानते हैं कि यह आत्म – विश्वास कहाँ और कैसे हमारे लिए काम करता है |

Self-Discipline and Success

दोस्तो किसी भी काम में सफल होने के लिए बुनियादी रूप से सबसे जरुरी चीज है , आपका आत्म-अनुशासन। यदि आप सफल होना चाहते हैं तो निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दें।

  1. सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आप कैसी जिंदगी जीना चाहते हैं। अपनी आदर्श जिंदगी से जुड़ी चीजों को अच्छी तरह से परिभाषित करें। आपका व्यापार , काम और करियर कैसा होना चाहिए,यह आपको पता करना है। आपकी पारिवारिक जिंदगी, स्वास्थ्य से जुड़ी जिंदगी , या फिर आपकी आर्थिक स्थिति को एक आदर्श रूप मे परिभाषित करे । जैसे कि आप आने वाले समय में कितने पैसे कमाना चाहते हो ? आप किस पद पर पहुचना चाहते हो? कैसे लोगों के साथ काम करना चाहते हो ? कैसी लाइफस्टाइल के साथ जीना चाहते हो ? आदि सामान्य सवालों का जवाब आपको पता होना चाहिए।
  2. दोस्तों एक बार आप जान गए कि आपको अपनी जिंदगी में क्या चाहिए ,तो आपको यह जानने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं होगी की वह चीज आपको कैसे मिलेगी। इसलिए दोस्तों जब आपको पता चल जाता है कि आपको अपनी आदत से जिंदगी को कैसे प्राप्त करना है तो सीधे अब जुट जाइए । कहते हैं हमें अपनी जिदंगी अपने रास्ते से जीनी चाहिए। उन चीजों को चुनकर करके जो हम करना चाहते हैं और उन लोगों के साथ रहना , जिनके साथ हम रहना चाहते हैं।
  3. दोस्तों अपने मकसद को पाने के लिए आज और अभी से शुरुआत शुरू कर दें । हम अक्सर सिर्फ सोचते रहते हैं कि मैं ये करूँगा ,वो करूँगा लेकिन कर कुछ भी नहीं पाते हैं । इसलिए शुरुआत कुछ नहीं से ही सही, शुरुआत करे। आप जिस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं , उस क्षेत्र के सफल लोगों कप जानिए और देखिए कि कैसे इन लोगों ने यह मकाम प्राप्त किया है। फिर आपको बस उनका अनुसरण करना है।
    The 5 Second Rule
  4. दोस्तो सफ़लता पाने के प्रति इस बात को कभी भी अनदेखा न करे कि सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क लगता है। जब भी हम पाते हैं कि किसी काम को करने में ज्यादा और कठिन मेहनत लग रही है तो यह हमारे लिए एक बहाना बन जाता है। इसलिए काम के प्रति उसके हार्ड वर्क को स्वीकार करें।
  5. दोस्तों एक बात ध्यान रखे कि हर एक घटना , प्रभाव का एक विशेष कारण जरूर होता है। यदि आप किसी क्षेत्र में सफलता को प्राप्त करना चाहते हैं ,तो आपको पता होना चाहिए कि कैसे इस क्षेत्र में सफल बना जाता है। और उन स्किल को लगातार अपग्रेड करते रहें जो आपको किसी विशेष क्षेत्र में सफलता दिलाएंगी।
  6. सफलता कोई अचानक ही नहीं मिलती है ।आप तभी सफल बनते हैं जब आप सफल लोगों की तरह चीजों को आदतों को बातों को अपनाते हैं ।और उनका अपनी जिन्दगी में कठोरता से पालन करते हो। सफलता के लिए आपको मेहनत लगातार करनी होती है । और इस लगातार मेहनत को बनाये रखने के लिए ही आत्म अनुशासन की जरूरत होती है।
  7. दोस्तों हर कोई सफल बनना चाहता है। हर कोई सुखी होना चाहता है। हर कोई खुश , स्वस्थ और अमीर बनना चाहता है । लेकिन सिर्फ चाहते ही हैं, कुछ करना नहीं चाहते हैं। वे नहीं जानते कि सफलता पाने के लिए कितना मूल्य चुकाना पड़ता है। इसलिए तो दुनिया में कुछ ही सफल है।
  8. दोस्तों इसलिए आप यदि अपनी जिंदगी में सच में कुछ पाना चाहते हो , तो उसके प्रति जो भी करना पड़ता है ,आपको वह हर चीज करनी चाहिए। सफलता बिना मूल्य चुकाए किसी को नहीं मिलती।

Self-discipline And Character


दोस्तों सेल्फ डिसिप्लिन हमारे व्यक्तित्व को निखारने में हमारी एक अभूतपूर्व मदद करता है। और अपने व्यक्तित्व का विकास करना जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण कामो में से एक है। समाज मे अपने व्यक्तित्व की अलग और अच्छी छवि बनाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता है।

आपका आज जो भी हैं, आपके कल चुनी गई चीजे और निर्णय का कुल परिणाम है। हर समय जब भी आप सही चीजों और जरूरी चीजों को चुनते हो और उन पर एक नियमितता से काम करते रहते हो तो , यह हमारे व्यक्तित्व की ताकत बढ़ाता है। हमें एक बेहतर व्यक्ति बनाता है।
और इसके विपरीत जब हम गलत चीजों को चुनते हैं या फिर अपने काम में नियमितता नहीं रखते हैं तो इससे हमारे व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  1. किसी भी अच्छे व्यक्तित्व के पास कुछ नियमित गुण होते हैं, जिन्हें आप जीवन मूल्य कह सकते हैं। अपने काम के प्रति और लोगों के प्रति ईमानदार रहना, साहस, दयावान, मददगार , सभी से मित्रता का भाव बनाये रखना जैसे गुण एक अच्छे व्यक्तित्व की विशेषताएं होती हैं। और अपने इन गुणों को बनाये और लगातार विकसित करने में हमारा सेल्फ डिसिप्लिन हमारी मदद करता है।
  2. सेल्फ डिसिप्लिन की मदद से हम कैसे भी हालात हो , अपने मूल्यों को नहीं भूलते हैं। अपने गुणों के प्रति हमारी अखंडता बनी रहती है।
  3. हमारी अखंडता का स्तर कितना ऊपर है , यह हमारे व्यक्तित्व की माप होती है। अखण्डता का उदाहरण जैसे कि कभी कोई हमे बेईमानी करने के लिए कहता है, या फिर हालात ऐसे बनते है कि हमें बेईमानी करनी होती है , ऐसे में हमारी अखण्डता हमें ईमानदार बने रहने का गुण है। किसी मुश्किल काम को करने के प्रति साहस दिखाना ,अखण्डता है।
  4. दोस्तों हमारी इस अखंडता को तोड़ने या फिर कमजोर बनाने के लिए कई सारी हालात सामने आते रहते हैं। ऐसा समय भी आता है ,जहां हमारे व्यक्तित्व की परीक्षा होती है। इस परीक्षा में हमारे व्यक्तित्व की अखंडता हमें उतीर्ण करवाती है।
  5. दोस्तों व्यक्तित्व की यह अखण्डता यूँ ही नहीं आ जाती । इसे बनाने के लिये सेल्फ डिसिप्लिन की जरूरत होती है। दोस्तों जब भी हम कम मूल्यों की जगह अधिक मूल्यों वाली चीजों, आदतों को अपनाते हैं, वे जो करने में अधिक कठिन होती हैं ,और जरूरी होती है, तो आप अपने प्रति एक आत्म सम्मान की भावना विकसित करते हो ।आप अपने को पसंद करने लगते हो और अपने पर गर्व महसूस करते हो।
  6. और जब भी हम अपने प्रति अच्छा महसूस करते हैं तो , समाज भी हमें उसी तरह अपनाता है। हम समाज में सम्मान पाना शुरू करते हैं, लोग हमें पसन्द करते हैं, हमारी मदद करने ले लिए आगे आते हैं। ऑफिस में वेतन बढ़ता है, प्रमोशन तेजी से होता है, और बड़ी जिम्मेदारियों को हमें सौंपा जाता है। हर समय अवसर हमारे सामने रहते हैं ।
  7. इसके विपरीत यदि आप गलत चीजों और फालतू चीज़ो को करते हो , अपनी जिंदगी में काम मूल्यों की चीजों को अपनाते हो । बेशक आपका व्यक्तित्व , आपके और समाज के लिए भी गिर जाता है।
  8. इसलिए दोस्तों समाज में अपने व्यक्तित्व की पहचान बनाने के लिए आपको जीवन एक मूल्यों को सीखते रहना चाहिए। इसके लिए आप इससे जुड़ी हुई किताबो को पढ़ सकते हो, फिल्में देख सकते है, लोगो की जीवनी जान सकते हो। और आप जो सीखते हो ,उसका अपनी दैनिक जिंदगी में लगातार अभ्यास करते रहना चाहिए।

Self – Discipline and Goals.

DISCIPLINE IS THE BRIDGE BETWEEN GOALS AND ACCOMPLISHMENTS.

दोस्तों आपका अपने गोल को सेट करने से लेकर उसे पाने के लिए हर दिन लगातार मेहनत करते रहना का अनुशासन , आपकी सफलता की गांरटी देता है। किसी भी गोल को पाने के लिए आपको एक बार उस गोल के बारे में पूरी तरह पता होना चाहिए। आप बिना देखे तीर को निशाने पर नहीं लगा सकते हो। इसलिए यह सबसे जरूरी है कि आप को पता होना चाहिए आप अपनी जिंदगी में क्या पाना चाहते हो।

  • दोस्तों यह देखा गया है कि सिर्फ 3 प्रतिशत वयस्क लोग ही अपने गोल्स को लिखते हैं उन्हें पाने की योजना लिखकर रखते हैं।इसलिए ये 3 प्रतिशत लोग ज्यादा कमाते ,बाकी बचे 97% लोगों से।
    दोस्तो ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि उनको पता होता है ,वे कहाँ जाना चाहते है, इसलिए वे अपनी सारी ऊर्जा अपने गोल को पाने में लगाते हैं। वे लगातार अपने आप को ट्रैक करते रहते हैं, कि वे अपने गोल से कितनी दूर हैं, आने गोल तक पहुँचने के लिए उन्हें अभी और क्या क्या करना पड़ेगा। ये 3% लोग कभी अपने गोल के प्रति डिस्ट्रैक्ट नहीं होते हैं, क्योंकि इनके पास डिस्ट्रैक्ट होने के बहाने के बजाय, फोकस होने की वजह ज्यादा होती है। इसलिए ये लोग अपने गोल को पा लेते हैं।
  • अधिकतर लोगों को लगता है कि उनके पास गोल्स हैं, लेकिन वास्तिवकता में उनके पास सिर्फ आशाएं और इच्छाएं ही होती हैं। और आशा और इच्छा को ” Goal without no energy behind it ” कहा जाता है।
  • दोस्तो नए साल पर लोग अक्सर अपने लिए नए रेजोलुशन लेते हैं, कुछ लोग इन्हें लिखते हैं, तो कुछ सिर्फ अपने आप से कहते हैं ,लिखते नहीं हैं। जिन्होंने अपने गोल लिखे नहीं होते हैं, उनमे से सिर्फ 4% लोग ही अपने होल को पाने के लिए काम करते हैं। और जिन्होने अपना गोल लिखा हुआ था उनमें से 44% लोग ही अपने गोल पर काम करते हैं। ऐसे में 12 महीनों के बाद महीनों के बाद इन 44%लोगों की सफलता के सम्भावना 1100% ज्यादा होती है।
  • दोस्तों अपने गोल को लिखना ये कितना जरूरी ये आप समझ गए होंगे। अब एक बात यहाँ पर यह आती है कि लिखने के प्रति आप कितने अनुशासित हो। दोस्तों गोल को लिखना भले सफलता की गारंटी नहीं देता है, लेकिन सफल होने की संभावना 10 गुना बड़ा जरूरी देता है। इसलिए दोस्तों अपने गोल को लिखिए , अपने गोल्स को कैसे लिखा जाता है इसके लिए ब्रायन ट्रैसी की किताब गोल्स की समरी पढ़िए।
  • दोस्तों जब हमारे पास हमारा गोल होता है तो हम अपने आप मेंज्यादा खुश रहते हैं। और अपने गोल को पाने में लगातार काम करते रहते हैं। इसलिए अपने जीवन मे गोल बनाने की योग्यता एक महत्वपूर्ण अनुशासन होता है, जिसे हमें विकसित करने की जरूरत होती है।
  • लोग गोल इसलिए नही बनाते हैं क्योंकि उनके पास पहले से ही असफल होने के बहाने होते हैं। वे कहते है कि गोल तो हम लिख लेंगे लेकिन वे पूरे कैसे होंगे। इसलिए वे इसे भी टाल देते हैं। लेकिन यहाँ आपको करना कुछ नहीं है बस वही लिखना है जो चाहते हो। इसके बाद हमारे दिमाग में उपस्थित गोल मेकेनिज़्म हमें गाइडेंस देता है कि क्या और कैसे करना है।
  • दोस्तों किसी भी गोल को अचीव करने के लिए 7 जरुरी स्टेप होते हैं,
    1. निर्धारित करें कि आप क्या चाहते हो
    2.उन्हें लिखें
    3. कब तक आप अपने गोल को पाना चाहते हो ये लिखें
    4.एक लिस्ट बनाइये जिसमें उन चीजों को लिखिए जो आपको आपके गोल तक पहुचायेंगी।
    5.अपनी लिस्ट को प्राथमिकता के आधार पर सेट करें।
    6. अपने प्लान पर जल्द ही काम करना शुरू करें।
    7.हर दिन कुछ न कुछ ऐसा करें जो आपको आपके गोल के नजदीक पंहुचा सकता है।
  • आप हर रोज सुबह उठते ही एक कागज पर कम से कम 10 गोल लिखिए ,जिन्हें आप अगले 12 महीनों में पाना चाहते हो। ये गोल कैसे आप प्राप्त करोगे इसके बारे में मत सोचिये आप बस गोल लिखते रहिये। एक आदत डालिये इन गोल्स को जल्दी से जल्दी लिखने की। कोशिश करें कि आप 10 गोल 3 से 5 मिनट में लिख लें।
  • एक बार आपने अपने गोल लिख लिए, अब उनमे से एक को चुनिए और कल्पना करें कि आप वह अचीव कर चुके हो। और देखिए कि यदि यह गोल पूरा हो जाता है, तो इसके क्या सबसे अधिक सकरात्मक प्रभाव होंगे।
  • अपने गोल को लिखने के बाद उसके लिए योजना बनाइये और हर रोज कुछ न कुछ करते रहिए।
    Do Something Do Anything
    हर दिन अपने गोल पर काम करते रहिए, जब तक आप उसे पा नहीं लेते।

दोस्तों यह सब करने के लिए आपको हमेशा आत्म अनुशासन की जरूरत पड़ती है। और यह हर किसी पास होता है। जिसे लगता है कि उसके यह आत्म अनुशासन उसके पास नहीं है, वह बस इतना समझ ले कि यह एक योग्यता है, जिसे आप विकसित कर सकते हो, लगातार उन चीजों को करके जो आपके लिए जरूरी है, और सही हैं।

(No Excuses hindi book summary)

इस किताब की पीडीऍफ़ फाइल पाने के लिए हमसे जुड़े | Telegram , instagram, facebook

Leave a Comment