हम लोग इन मन्दिरों में तीर्थ यात्रा के लिए जाते हैं | मन की शांति के लिए, प्रार्थना के लिए जाते हैं |
हम सभी जानते हैं कि हमारे देश भारत में सबसे अधिक मंदिर हैं | जितने भारत में मंदिर हैं , उतनी ही उनसे जुडी जनश्रुतियां भी हैं | मतलब ये कि जहाँ भी मंदिर हैं , उस मन्दिर के होने के प्राचीन धार्मिक कारण हैं |
दोस्तों मन्दिर एक आस्तिक के एक धार्मिक जगह है तो एक नाश्तिक के लिए आध्यात्मिक |
हमारे देश में इतने मंदिर क्यों हैं , किसलिए हैं , इस लेख में इस बारे में बात न करके , एक अलग विषय पर बात की लिखी गई है |
दोस्तों आपने कभी गौर किया होगा कि भारत में अधिकतर मंदिर इसे जगहों स्थित हैं जहां आसानी से नहीं जाया जा सकता है | इनमे अधिकतर मंदिर हिमालय के ऐसे स्थानों में हैं बहुत उंचाई पर हैं या फिर दुर्गम हैं | साथ ही आपने अपने गावों में भी गौर किया होगा कि आपके कुल देवी- देवताओं का मंदिर थोड़ी उंचाई वाली जगह में बने हुए हॉट हैं |
आखिर ये मंदिर पर्वत-पहाड़ों की चोटियों पर क्यों नहीं बने होते हैं ? इसके पीछे कोई कारण भी है या फिर ये ऐसे ही एक संयोग मात्र है |
दोस्तों मंदिरों का पर्वत की चोटियों और दुर्गम स्थानों में होने के पीछे कारण है | इसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण है | चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों अधिकतर मंदिर पर्वत-पहाड़ों की चोटियों और दुर्गम स्थानों में क्यों बने हुए हैं?
आध्यात्मिक कारण
दोस्तों आप सभी जानते है, जहाँ लोगो की आवाजाही कम रहती है , वहां शांति रहती है | ध्यान जिसे हम मैडिटेशन भी कहते हैं वह ऐसे ही शांत भरे वातावरण में सहज और सुगम से होता है |
आप पहाड़ों में जितने उपर चलते जायंगे आपको उतनी शांति, सकारात्मकता महसूस होती है | और ऐसे स्थानों में हमारे दिमाग में एक अलग ही प्रकार की वाईब बनने लगती है | प्राचीन काल में ऋषि मुनि समाज से अलग हिमालय की पहाडियों में इस शांति में तप करने आते थे | ऐसे स्थानों में ऋषि मुनियों कोई भी डिस्टर्ब नहीं पाता था | इसलिए ये जगहे और पवित्र बनती गई |
पर्वत पहाड़ो की चोटियों और दुर्गम स्थानों में मंदिर होने की वजह से ,मंदिर में पहुचते ही हम सकारात्मक शक्ति अपने अंदर महसूस कहते हैं | जहाँ हम अपने अंतर्मन की गहराई में जा कर ईश्वर से अपने मन की इच्छा को कहते हैं |
इसलिए पर्वत पहाड़ों की कुछ विशेष जगहों में अलग- अलग मंदिर बने हुए हैं |
वैज्ञानिक कारण :-
दोस्तों मंदिर पर्वतों-पहाड़ो की चोटियों पर स्थित होने का एक कारण प्रमुख वैज्ञानिक कारण बताया जाता है वह है , विज्ञापन या फिर आज की भाषा में मार्केटिंग |
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में विज्ञापन के कोई खास साधन नहीं थे, इसलिए लोगों पता नहीं होता था कि मंदिर कहाँ है और कौन सी जगह में हैं | पर्वतों-पहाड़ों की चोटियां क्योंकि दूर से साफ़ दिखाई देते हैं , और साथ ही दिशा निर्देशित करने में भी आसानी होती थी | अधिकतर मंदिरों को इसे स्थानों में बनाया गया , जो भले लोगो के लिए दुर्गम हो लेकिन वहां अधिकतम लोगों की पहुच हो |
इसलिए अधिकतर मंदिर पर्वत पहाड़ों की छोटी पर हैं |
जहाँ आसानी से नहीं पहुचा जा सकता , और जहाँ पंहुचकर वापस आने का मन न करे |
और भारत में इसे भी कई सारे पर्वत हैं जिन्हें उनकी पवित्रता और पौराणिक संबंधो की वजह से मंदिर की तरह पूजा जाता है |
Dr. APJ Abdul Kalam Biography In Hindi
Hindi Moral Story : अब आगे क्या ?
Follow Us on Instagram
Great Keep it up