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How Stop Worrying and Start living book summary in hindi : दोस्तों किताब के शीर्षक का नाम है कि कैसे चिंता करना बंद करें और जीना शुरु | दोस्तों हम अपने दैनिक जीवन में बिना बात के अक्सर चिंता करते हैं , जिसका हमें पता तक नहीं होता है | बस कुछ नहीं दिन के अंत में सर पकडे रहते हैं | इस पोस्ट के आखिरी में आप How Stop Woorying and start living की pdf फाइल भी प्राप्त कर सकते हैं |
दोस्तो एक बात हमेशा याद रखना कि, चिंता में रहना ,चिता में रहने के समान है|
Danial Carnaige की How Stop Worrying and Start living book स्पष्ट रूप से समझाती है कि चिंता करना कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है|
Danial Carnaige की यह किताब हमारे लिए चिंता करने से बचने में एक उपयोगी उपकरण का काम भी करता है |
How To Stop Worrying and start living book में लेखक कई सारी तकनीके, उदाहरणों के माध्यम से समझाते हैं, जो हमें चिंता करने से रोकने में मदद करती हैं | इस किताब में मुख्य रूप से 10 चैप्टर हैं , जिन्हें पढने के बाद आप समझ पाएंगे कि चिंता के बेसिक फंडामेंटल्स क्या होते हैं , कैसे चिंता को अनालिसिस किया जाता है,और कैसे हम चिंता को अपने जीवन से दूर करके ख़ुशी से जीने का रास्ता ढूँढ सकते हैं |
इस किताब की सबसे खास बात यह है कि इसमें लेखक ने वास्तविक जिन्दगी के प्रेक्टिकल उदाहरणों को लिखा है| जिससे किताब में बताई जा रही बातें आसानी से समझ में आती हैं|
चिंता करना कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है ?
दोस्तों हम सभी चिंता करते है | हम आज चिंता करते हैं ,क्योंकि कल कोई बात होने वाली होती है| पूरा दिन परेशान, सर पकड़ कर बैठे रहते हैं, न खाना ठीक से खाते हैं, न चैन से सो पाते हैं | और कल जब वह बात होती है, जिसके लिए इतने परेशान थे,तो अहसास होता है कि हम तो बेवजह ही इतना परेशान हो रहे थे | इस बात का सीधा सा उदाहरण आप किसी छात्र की परीक्षा से पहले की स्थिति या फिर किसी व्यक्ति की इंटरव्यू से पहले की स्थिति को देखकर समझ सकते हो |
चिंता करना हमारे स्वास्थ्य को कितना प्रभावित करता है , ये शायद ही हममे से ज्यादा लोग जानते होंगे | ज्यादा चिंता करना हमें मानसिक रुप से तो बीमार करता ही है , बल्कि शारीरिक रूप से भी हम बीमार हो सकते हैं|
दोस्तों हमारा दिमाग और शरीर एक दुसरे के साथ बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है | इसलिए दोनों ही एक दूसरे को प्रभावित करते हैं | इसलिए आपने देखा होगा कि गठिया जैसे रोग अधिक चिंता करने से होते हैं | मेडिकली यह भी साबित किया जा चूका है कि चिंता करने से डायबिटीज और पागलपन जैसी बीमारी भी होती हैं |
दोस्तों दुर्भाग्यवश आज हमारे जीवन में शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जिसको लेकर हम चिंता न करते हों | हाई प्रेशर जॉब्स की वजह से लोगों को अक्सर दिल की समस्याओं की शिकायत रहती है|
इसके अतिरिक्त हाई ब्लड प्रेशर , हार्ट डीजीस और स्टोमेक अल्सर जैसी बीमारियों का शिकार भी ये लोग हो जाते हैं |
दोस्तों बीमारियां प्रत्यक्ष रूप से अच्छे खासे जीवन को नर्क बना देती हैं | और चिंता से होने वाली ये बीमारियाँ इंसान को चिता की ओर धकेलती रहती हैं |
इसलिए चिंता किसी को भी हो इसका समाधान ढूढना आवश्यक है |
चिंता करने का सबसे मुख्य कारण : कनफ्यूजन !
दोस्तों कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर बताते हैं कि कन्फ्यूजन चिंता करने का मुख्य कारण होता है | | इसलिए चिंता के प्रति फैक्ट्स प्राप्त करें | दोस्तों प्रोफेसर के मुताबिक जब हम किसी स्थिति को लेकर कनफ्यूज रहते हैं , तो हम इस स्थिति का विश्लेषण करने में परेशानी महसूस करते हैं |
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डीन स्वर्गीय हर्बर्ट ई हॉक्स , जिन्होंने दो लाख छात्रों को उनकी चिंता की समस्याओं को हल करने में मदद की थी; और वे ही कहा करते थे कि “भ्रम चिंता का मुख्य कारण है”। उनका मानना है कि “दुनिया में आधी चिंता लोगों द्वारा निर्णय लेने की कोशिश करने से होती है क्योंकि उन्हें पर्याप्त ज्ञान होता है जिस पर उन्हें निर्णय लेना होता है। यदि उन्हें आने वाले किसी दिन कुछ जरुरी काम होता है तो वे अपने उस काम के प्रति कन्फ्यूज रहते हैं | वे बस सोचते रहते हैं कि एसा होगा वेसा होगा | और होता कुछ नहीं |
चिंता को दूर करने का उपाय : ग्लिचफील्ड मेथड
दोस्तों हमारा कनफ्यूजन रहना हमने चिंता में डालता है | इसलिए चिंता को दुर करने के लिए सबसे जरुरी यही है कि अपने आप को कनफ्यूजन से दूर रखें | और इसके लिए लेखक तीन महत्वपूर्ण तकनीक बताता है |
1. फैक्ट्स प्राप्त करें
2.फैक्ट्स का विश्लेषण करें
3.एक निश्चित निर्णय लें और निर्णय पर काम करें
दोस्तों जब किसी व्यक्ति फैक्ट्स प्राप्त कर रहा होता है , इसका मतलब होता है कि वह ज्ञान प्राप्त कर रहा है | फैक्ट्स प्राप्त करके ,उनपर सोच विचार करके हमारे द्वारा लिया गया निर्णय हमे चिंता करने से दूर रखता है |
फैक्ट्स प्राप्त करने के लिए अपने आप से सवाल पूछे | “मैं किस बात को लेकर चिंतित हूँ ?”और जब आपको इस बात का पता चल जाय तो एक बार फिर अपने आप से पूछे कि “मैं इसके लिए क्या कर सकता हूँ ?” इस सवाल के लिए आपके पास एक अधिक जवाब हो सकते हैं | इसलिए सबको लिखिए |
दुसरे सवाल के जवाबों में से आप उसे चुनिये जिसका तर्क आपकी चिंता को दूर कर सकता है |
दोस्तों जैसे ही आपको अपने इस सवाल का उचित जवाब मिलता है | एक निर्णय ले और उस पर तुरंत काम करें |
दोस्तों चिंता को दूर करने की यह सबसे बेहतरीन तकनीक है | जिसका इस्तेमाल करके प्रसिद्ध अमेरिकन ग्लिचफील्ड ने जापानी एडमिरल से अपनी जान बचाई थी |
यह तकनीक सबसे प्रभावी है क्योकि यह सीधे समस्या के दिल तक पहुचती है |
दोस्तों इस तकनीक का ज्यादा से जयादा इतेमाल करें | आप जरुर चिंता करना बंद कर देंगे | और जब आप चिंता करण बंद कर देंगे तो समझ लीजिये आपने जीना शुरू कर दिया है |
How To Stop Worrying and Start Living book एक अमेजिंग किताब है , सच कहू तो इसे आसानी से सारांशित नहीं किया जा सकता है | इसलिए आप यदि अपने जीवन में चिंता , overthinking की परेशान रहे हैं , तो आपको यह किताब अवश्य पढनी चाहिए |
यह किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में उपलब्ध है |
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